दिल्ली : 31 दिसंबर की आधी रात को टक्कर के बाद कार के साथ 12 किलोमीटर तक घिसटने से जान गंवाने वाली 20 वर्षीय अंजलि के पार्थिव शरीर का आज शिवपुरी मुक्ति धाम श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार कर दिया गया। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पीड़ित के घर से श्मशान घाट तक 1,000 से अधिक पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया था।
जिस एम्बुलेंस में मृतका के शव को अंतिम यात्रा के लिए ले जाया गया, उसके साथ 50 से ज्यादा पुलिस वाहन चल रहे थे। परिवार के सदस्यों के अलावा किसी को भी श्मशान घाट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी। बड़ी संख्या में लोग श्मशान घाट के बाहर जमा थे, पुलिस के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए ‘जस्टिस फॉर अंजलि’ के नारे लगाते हुए तख्तियां और पीड़िता की तस्वीरें लिए हुए थे।
आक्रोशित एक प्रदर्शनकारी ने सवाल किया कि जब घटना हुई तब पुलिस कहां थी?, करण विहार निवासी रामपाल ने कहा- अंजलि को न्याय मिलना चाहिए। हम आरोपियों के लिए मृत्युदंड की मांग करते हैं। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, जब पीड़िता को 12 किमी तक घसीटा गया, तब पुलिस कहां थी? इलाके में कितने पुलिस वाहन थे, लापरवाही के दोषी पाए गए पुलिस कर्मियों को निलंबित किया जाना चाहिए।
बता दें कि नए साल के पहले दिन रविवार को तड़के दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके कंझावाला क्षेत्र में एक कार के स्कूटी को टक्कर मारने के बाद अंजलि कार के नीचे फंसकर सुल्तानपुरी से कंझावला तक लगभग 12 किमी तक घिसटती चली गई, जिससे उसकी मौत हो गई। कार के साथ ही उसमें सवार पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। आज शाम पोस्टमॉर्टम के बाद अंजलि का शव परिजनों को सौंपा गया था, जिसके बाद देर शाम उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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