बिलासपुर : एक महिला ने अपने पति के खिलाफ अपनी 9 वर्षीय बेटी के साथ रेप करने की शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने बच्ची को बाल कल्याण समिति, सीडब्लूसी के पास भेज दिया. अपनी 9 वर्षीय बच्ची को बाल कल्याण समिति के पास से वापस पाने एक महिला शनिवार देर शाम से कलेक्टोरेट के सामने धरने पर बैठी है. प्रशासन के अधिकारियों ने महिला को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह बच्ची को न सौंपे जाने तक धरना देने पर अड़ी हुई है. वहीं अब इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बिलासपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर 3 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट आयोग को सौंपने कहा है. बता दें कि, बीते दिनों एक महिला ने अपने पति के खिलाफ अपनी 9 वर्षीय बेटी के साथ रेप करने की शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने बच्ची को बाल कल्याण समिति, सीडब्लूसी के पास भेज दिया. अब मां अपनी बच्ची को पाने सीडब्लूसी के पास जा रही है, लेकिन बच्ची नहीं मिल रही है. इस मामले में उन्होंने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका भी लगाई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने सीडब्लूसी को मां के प्रकरण का 7 दिनों के भीतर निराकरण करने का निर्देश दिया था .वहीं 7 दिन बीत जाने के बाद भी महिला को उसकी बच्ची नहीं मिली. तब मां ने कलेक्टर कोर्ट में मामला लगाया, पर 60 दिन बीत जाने के बावजूद बच्ची नहीं मिलने से महिला परेशान है. महिला ने आरोप लगाया है कि पति के रसूख के चलते उसकी बच्ची नहीं मिल पा रही है और अब बच्ची को रायगढ़ शिफ्ट किया जा रहा है, इसलिए वह धरना देने के लिए मजबूर हुई है. अब इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए बिलासपुर कलेक्टर को पत्र लिखा है. आयोग ने पत्र के जरिए कहा है कि, उक्त प्रकरण में पॉक्सो अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन प्रतीत हो रहा है. पीड़िता की गोपनीयता की पहचान को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई कर अपनी जांच रिपोर्ट 3 दिनों के भीतर आयोग को पत्र के जरिए भेजें. |