कवि लिकेश धृतलहरे

चारामा।

चारामा। अंचल के प्रसिद्ध युवा कवि लिकेश धृतलहरे , माता – श्रीमती सेवती बाई , पिता – श्रीमान मोहन राम , निवासी – ग्राम – जैसाकर्रा, ब्लाॅक – चारामा , जिला – उ.ब. कांकेर ( छत्तीसगढ़ ) गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने को लेकर अपने याद किए गए संस्कृत के 1000 श्लोकों में नवीन संस्कृत श्लोकों को याद करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने की ओर बढ़ रहे हैं। लिकेश धृतलहरे ने बताया है कि वे समय – समय पर याद किए गए संस्कृत के श्लोकों का अभ्यास करते रहते हैं। अधिकाधिक संख्या में संस्कृत के श्लोक याद करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराना लिकेश धृतलहरे ने अपना सपना बताया है।

( 1 ) कक्षा 12 वीं में अध्ययन के दौरान संस्कृत के 1000 श्लोक कंठस्थ कर लिये थे।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की यात्रा तब से शुरू हुई थी जब लिकेश कुमार शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चारामा, जिला – उत्तर बस्तर कांकेर ( छत्तीसगढ़ ) में कक्षा 12 वीं ( विज्ञान )के विद्यार्थी थे उस दौरान उन्होंने स्कूली पढ़ाई करने के साथ ही साथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने के लिए संस्कृत के श्लोकों को याद करना शुरू कर दिया था। सबसे पहले उन्होंने 520 संस्कृत के श्लोक याद किये थे जिसे उन्होंने अपने विद्यालय की शिक्षिका एवं स्थानीय पत्रकार को सुनाया था। फिर 12 वीं बोर्ड की परीक्षा दिलाने के पश्चात ग्रीष्मकालीन अवकाश के दिनों में याद किए गए संस्कृत के श्लोकों की संख्या को बढ़ाते हुए 520 से 1000 संस्कृत के श्लोक कंठस्थ कर लिये थे।

कवि लिकेश धृतलहरे

( 2 ) “श्लोक महापंडित अलंकरण अवार्ड ” से सम्मानित किया गया।

छोटी सी उम्र में लिकेश कुमार के द्वारा किए जा रहे इस मेहनत को सम्मान देने के लिए शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चारामा के प्राचार्य आर.सी. नहाले के द्वारा उन्हें विद्यालय स्तर से स्वतंत्रता दिवस के दिन ” श्लोक महापंडित अलंकरण अवार्ड ” का सम्मान देते हुए शिल्ड देकर सम्मानित किया गया था।

( 3 ) गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए संघर्षरत रहेंगे।

लिकेश कुमार ने संकल्प किया है कि जब तक उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो जाता तब तक वे संघर्षरत रहेंगे। अधिकाधिक संख्या में संस्कृत के श्लोक याद करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराना उनका लक्ष्य है और अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए काॅलेज एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में से समय निकालकर अधिकाधिक संख्या में संस्कृत के श्लोक याद करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।

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