महासमुंद : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है. जो सोसल मिडिया में वायरल हो रही है जिसका वीडियो स्पष्ट है. यह घटना बागबाहरा ब्लॉक से 15 किलोमीटर दूर के ग्राम सालड़बरी का है। ग्राम बहिष्कार इस कदर हावी हो गया कि पराए तो पराए अपनों ने भी साथ नही दिया। जिसके चलते गांव का कोई भी ग्रामीण अर्थी को कंधा देने नहीं आया। मृतक की बेटियों ने अपने भाई के साथ अर्थी को कंधा दिया और अंतिम संस्कार किया। ग्राम सालड़बरी की है। यहां के ग्राम पटेल हिरन साहू उम्र 65 वर्ष का विगत 24 जुलाई को निधन हो गया। जिसका अंतिम संस्कार 25 जुलाई को किया गया। इस शवयात्रा में मृतक के ग्राम का कोई भी ग्रामीण एवं ग्राम में ही रहने वाले रिश्तेदारों ने भी दूरी बना ली।

ग्राम सालड़बरी में ग्राम पटेल हिरन साहू की 65 वर्ष की उम्र में अज्ञात कारणों से मौत हो गयी। मौत के वक्त पिता हिरन के साथ उसका पुत्र ही साथ था। पिता की मौत से पुत्र घबरा गया और वह ग्राम में अपने ही रिश्तेदारों एवम अन्य ग्रामीणों को पिता की मौत की खबर देने लगा। परन्तु किसी भी स्वजातीय बंधु घर नही गए। अंततः मृतक की दोनों विवाहित बेटियों यामिनी साहू पोटापारा पिथौरा और कविता साहू रायपुर के अलावा एक दामाद एवम पुत्र तामेश्वर साहू ही पिता को कंधा देकर अंतिम संस्कार किया। इस शवयात्रा में शामिल नहीं होने की बात पर ग्रामीण दबी जुबान से कह रहे कि कोई पिछली दीपावली में दो पक्षों के बीच मारपीट हो रही थी, उसे मृतक की पत्नी वीणा बाई साहू 52 वर्ष ने बीच बचाव कर दोनों को समझाकर घर भेज दिया। विवादित पक्ष में से एक पक्ष ने बिनाबाई पर मारपीट का झूठा आरोप लगा दिया। गांव में दूसरे दिन एक गांवकारी बैठक बुलाई गई। बैठक में फैसले के दौरान बीच बचाव करने वाले वीणा बाई साहू के साथ मारपीट कर उसे गांव से बहिष्कृत कर दिया गया, तब से उक्त परिवार गांव से बहिष्कृत है। जब ग्राम समाज बहिष्कार की खबर मिली तो बागबाहरा पुलिस गांव पहुंच कर जानकारी ली, व पीड़ित पक्षकारों की शिकायत पर मामले की जांच की जा रही है।

“राम नाम सत्य है” बोलने वाली ये दोनों विवाहित महिलाएं सगी बहने हैं और मायके आकर पिता की अर्थी उठाकर मुक्तिधाम जा रही है. इन दोनों बहनों ने अपने भाई के साथ अपने पिता का अंतिम संस्कार भी किया. यह पूरा मामला महासमुंद जिले में बागबाहरा ब्लाक के ग्राम सालडबरी का है. पिछले साल अक्टूबर माह मे एक धार्मिक आयोजन के दौरान ग्राम के पटेल 75 वर्षीय हिरण साहू और उनके परिजनों का गांव मे दबंगों से विवाद हो गया. जिसके चलते उन्हे तत्काल जुर्माना नहीं भरने पर ग्राम बहिष्कार की सजा दे दी गई. गांव से बहिष्कृत होने के बाद उनका जीवन नरक बन गया. ये दुखद घटना की जानकारी मृतक के बेटे तामेश्वर साहू ने दी. बहिष्कृत मृतक की पत्नी बीना साहू की पीड़ा बहुत गहरी है. लगभग 3 एकड़ की खेती में गरीबी से परिवार चलाने वाली इस बहिष्कृत महिला का कहना है कि जब पति के मृत्यु के बाद कोई भी वाला नहीं आया तब दूसरे गांवों से बेटियों को बुलाकर अर्थी को मुक्तिधाम पहुंचाया गया.सालडबरी गांव के ग्रामीण इस मामले में मीडिया के सामने बोलने को तैयार नहीं हुए. लेकिन काफी प्रयास के बाद बहिष्कृत परिवार के पड़ोसी और रिश्तेदार का कहना है कि ग्राम वासियों ने बहिष्कार नहीं किया है |

पुलिस के अनुसार बिना बाई पति हिरन माहू 52 वर्ष निवासी सालडवरी द्वारा 24 अक्टूबर 2022 के रात्रि 10 बजे पिन्टू साहू को गांव के तिलेश्वर साहू, राजेश साहू, दुधराम साहू व अन्य मारपीट कर रहे थे। तब बिना बाई बचाव की थी। इसी बात को लेकर दिनांक 25 अक्टूबर के शाम छह रंगमंच चौक में बैठक हुई जिसमें गांव के प्रमुख महिला पुरूष सभी लोग उपस्थित थे, और दोनों को दोषी साबित कर ढाई ढाई हजार रूपये दण्डित किये। जिसे इन्होंने नहीं अदा किया। उसके बाद वेद बाई ने मारपीट की है। गांव में सभी काम पर प्रतिबंधित कर दिये है और रोजी न जाने देना, धान न काटने देना, दुकान से सामान नही लाने देना और गांव के शीतला माता मंदिर में घुसने नही देना व अलग-थलग कर गांव से बहिष्कृत कर दिए। हालांकि गांव के आदिवासी समाज को इस संबंध में जानकारी है।

इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि पीड़ित परिवार से थाने मे पूरी जानकारी ली गई है. इसमें अग्रीम कार्रवाई की जा रही है. ग्राम पंचायत खड़ादरहा के आश्रित गांव सालडबरी की आबादी लगभग 800 है. साहू एवं आदिवासी बहुल ग्राम सालडबरी में इस पीड़ित परिवार के अलावा एक अन्य साहू परिवार और 8 आदिवासी परिवार का भी ग्राम बहिष्कार किया गया है |

Spread the love